Android 6.0 Marshmallow
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Android 6.0 Marshmallow
Android 6.0 Marshmallow, Android ऑपरेटिंग सिस्टम का एक प्रमुख संस्करण है, जिसे 5 अक्टूबर 2015 को Google द्वारा जारी किया गया था। यह Android 5.0 Lollipop का उत्तराधिकारी है और इसने कई महत्वपूर्ण सुधार और नई सुविधाएँ पेश कीं, जो उपयोगकर्ता अनुभव, सुरक्षा और एप्लिकेशन प्रबंधन को बेहतर बनाती हैं। यह लेख Android 6.0 Marshmallow की विशेषताओं, नई सुविधाओं, और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेगा, साथ ही यह भी बताएगा कि यह पिछले संस्करणों से कैसे अलग है।
विकास और रिलीज
Android Marshmallow का विकास कोडनाम "M" के तहत शुरू हुआ। Google ने शुरुआत में डेवलपर्स के लिए पूर्वावलोकन संस्करण जारी किए, जिससे उन्हें नए API और सुविधाओं के साथ प्रयोग करने की अनुमति मिली। आधिकारिक तौर पर, Android 6.0 Marshmallow को 5 अक्टूबर 2015 को Nexus उपकरणों के लिए जारी किया गया, जिसके बाद अन्य निर्माताओं ने धीरे-धीरे अपने उपकरणों के लिए अपडेट जारी करना शुरू कर दिया। Android के संस्करण की सूची में, Marshmallow ने Lollipop के बाद जगह बनाई।
नई विशेषताएं और सुधार
Android 6.0 Marshmallow में कई महत्वपूर्ण नई विशेषताएं और सुधार शामिल हैं:
- अनुमतियाँ (Permissions): Marshmallow ने अनुमतियों के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण बदलाव पेश किया। Lollipop में, ऐप्स को इंस्टॉल करते समय सभी अनुमतियों को स्वीकार करना पड़ता था। Marshmallow में, उपयोगकर्ता रनटाइम अनुमतियों को नियंत्रित कर सकते हैं, जिसका अर्थ है कि ऐप्स को विशिष्ट सुविधाओं का उपयोग करने से पहले उपयोगकर्ता से अनुमति मांगनी होगी, जैसे कि कैमरा, माइक्रोफ़ोन, संपर्क या स्थान। यह उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है और गोपनीयता को बढ़ाता है।
- Doze मोड: यह सुविधा बैटरी लाइफ को बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है। Doze मोड तब सक्रिय होता है जब डिवाइस लंबे समय तक स्थिर रहता है। यह पृष्ठभूमि गतिविधि को सीमित करता है, जिससे बैटरी की खपत कम होती है। बैटरी प्रबंधन के लिए यह एक महत्वपूर्ण सुधार था।
- Google Now on Tap: यह एक संदर्भ-जागरूक सहायक है जो उपयोगकर्ता को वर्तमान स्क्रीन पर दिखाई देने वाली जानकारी के आधार पर प्रासंगिक जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी रेस्तरां के बारे में पढ़ रहे हैं, तो Google Now on Tap आपको रेस्तरां के मेनू, समीक्षाएँ और दिशा-निर्देश दिखा सकता है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शुरुआती उदाहरणों में से एक था।
- USB टाइप-सी सपोर्ट: Marshmallow USB टाइप-सी कनेक्टर के लिए समर्थन प्रदान करता है, जो तेज़ डेटा ट्रांसफर गति और रिवर्सिबल डिज़ाइन प्रदान करता है। USB तकनीकों के विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम था।
- नेटवर्क कनेक्टिविटी: Marshmallow में नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार किया गया, जिसमें बेहतर वाई-फाई स्कैनिंग और वॉयस ओवर LTE (VoLTE) के लिए समर्थन शामिल है। नेटवर्किंग के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण उन्नति थी।
- डायरेक्ट शेयर: यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को अक्सर उपयोग किए जाने वाले ऐप्स के साथ सीधे सामग्री साझा करने की अनुमति देती है। डेटा साझाकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह सुविधा उपयोगी थी।
- रीसाइक्ल्ड बिन: Marshmallow में एक रीसाइक्ल्ड बिन सुविधा शामिल है जो हटाए गए फ़ाइलों को अस्थायी रूप से रखती है, जिससे उपयोगकर्ता उन्हें पुनर्स्थापित कर सकते हैं। डेटा रिकवरी के लिए यह एक उपयोगी सुविधा थी।
- एप्लिकेशन स्टैंडबाय: यह सुविधा उन ऐप्स को निष्क्रिय कर देती है जिनका उपयोग लंबे समय से नहीं किया गया है, जिससे बैटरी लाइफ और सिस्टम संसाधन बचते हैं। एप्लिकेशन प्रबंधन में यह एक महत्वपूर्ण सुधार था।
Lollipop से Marshmallow में अंतर
Android 6.0 Marshmallow ने Android 5.0 Lollipop के ऊपर कई महत्वपूर्ण सुधार पेश किए:
| विशेषता | Android 5.0 Lollipop | Android 6.0 Marshmallow | |---|---|---| | अनुमतियाँ | इंस्टॉल करते समय सभी अनुमतियाँ आवश्यक | रनटाइम अनुमतियाँ | | बैटरी लाइफ | Doze मोड नहीं | Doze मोड उपलब्ध | | USB कनेक्टर | मुख्य रूप से Micro-USB | USB टाइप-सी समर्थन | | सहायक | Google Now | Google Now on Tap | | एप्लिकेशन प्रबंधन | सीमित | एप्लिकेशन स्टैंडबाय | | डेटा रिकवरी | रीसाइक्ल्ड बिन नहीं | रीसाइक्ल्ड बिन उपलब्ध |
ये सुधार Marshmallow को Lollipop की तुलना में अधिक शक्तिशाली, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाते हैं।
सुरक्षा विशेषताएं
Marshmallow ने सुरक्षा को भी बेहतर बनाया। रनटाइम अनुमतियों के अलावा, Marshmallow ने डिवाइस एन्क्रिप्शन को डिफ़ॉल्ट रूप से सक्षम किया, जो डेटा को अनधिकृत पहुंच से बचाता है। सुरक्षा Android के विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है।
- डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature): Marshmallow में डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग एप्लिकेशन की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके, यह सुनिश्चित किया जाता है कि एप्लिकेशन को छेड़छाड़ नहीं की गई है।
- सुरक्षित बूट (Secure Boot): सुरक्षित बूट प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि डिवाइस केवल विश्वसनीय सॉफ़्टवेयर के साथ बूट हो। सिस्टम सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण सुविधा है।
- फ़ैक्टरी रीसेट सुरक्षा (Factory Reset Protection): यह सुविधा डिवाइस को रीसेट करने के बाद अनधिकृत पहुंच से बचाने में मदद करती है। डेटा सुरक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण परत प्रदान करता है।
प्रदर्शन और अनुकूलन
Marshmallow ने प्रदर्शन और अनुकूलन में भी सुधार किया। जावा वर्चुअल मशीन (JVM) को अनुकूलित किया गया, जिससे ऐप्स तेज़ी से चल सकें। प्रोग्रामिंग भाषा जावा का उपयोग Android ऐप विकास में व्यापक रूप से किया जाता है। इसके अतिरिक्त, Marshmallow में मेमोरी प्रबंधन में सुधार किया गया, जिससे सिस्टम अधिक सुचारू रूप से चल सके।
- ART (Android Runtime): ART, Dalvik की जगह लेता है, जो Android के पुराने रनटाइम वातावरण था। ART ने एप्लिकेशन के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रंटटाइम परिवेश Android के प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- मेमोरी प्रबंधन (Memory Management): Marshmallow में बेहतर मेमोरी प्रबंधन के कारण ऐप्स कम मेमोरी का उपयोग करते हैं, जिससे सिस्टम अधिक कुशलता से काम करता है। सिस्टम संसाधन का कुशल उपयोग महत्वपूर्ण है।
- ग्राफ़िक्स प्रदर्शन (Graphics Performance): Marshmallow में ग्राफ़िक्स प्रदर्शन में सुधार किया गया, जिससे गेम और अन्य ग्राफ़िक्स-गहन एप्लिकेशन बेहतर तरीके से चलते हैं। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स Android के उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
Marshmallow के बाद के संस्करण
Android Marshmallow के बाद, Google ने कई और Android संस्करण जारी किए हैं:
- Android 7.0 Nougat: इसमें मल्टी-विंडो सपोर्ट, बंडल नोटिफिकेशन और त्वरित सेटिंग्स जैसी सुविधाएँ शामिल थीं। मल्टीटास्किंग के लिए यह एक महत्वपूर्ण अपडेट था।
- Android 8.0 Oreo: इसमें पिक्चर-इन-पिक्चर मोड, ऑटोफिल API और प्रोजेक्ट ट्रेबल जैसी सुविधाएँ शामिल थीं। ऑटोमेशन और सिस्टम मॉड्यूलरिटी पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- Android 9.0 Pie: इसमें जेस्चर नेविगेशन, डिजिटल वेलबीइंग और अनुकूली बैटरी जैसी सुविधाएँ शामिल थीं। उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया था।
- Android 10: इसमें डार्क थीम, गोपनीयता नियंत्रण और स्थान अनुमतियों में सुधार जैसी सुविधाएँ शामिल थीं। गोपनीयता और उपयोगकर्ता अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- Android 11 और उसके बाद के संस्करण: प्रत्येक संस्करण में नई सुविधाएँ, सुरक्षा सुधार और प्रदर्शन अनुकूलन शामिल हैं। मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास जारी है।
विरासत और प्रभाव
Android 6.0 Marshmallow ने Android के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने अनुमतियों के प्रबंधन में एक नया दृष्टिकोण पेश किया, जो बाद के संस्करणों में भी जारी रहा। Doze मोड जैसी बैटरी-बचत सुविधाएँ आज भी Android में महत्वपूर्ण हैं। Marshmallow ने Android को एक अधिक सुरक्षित, शक्तिशाली और उपयोगकर्ता के अनुकूल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में मदद की। ऑपरेटिंग सिस्टम डिजाइन पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव था।
निष्कर्ष
Android 6.0 Marshmallow एक महत्वपूर्ण Android संस्करण था जिसने कई महत्वपूर्ण सुधार और नई सुविधाएँ पेश कीं। यह Lollipop से एक बड़ा कदम आगे था और इसने Android को एक अधिक शक्तिशाली, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में मदद की। Marshmallow की विरासत आज भी Android के विकास में महसूस की जा सकती है। मोबाइल तकनीक के क्षेत्र में Android का महत्व निर्विवाद है।
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- अतिरिक्त लिंक (संबंधित रणनीतियाँ, तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण - क्रिप्टो फ्यूचर्स के विशेषज्ञ के रूप में आपकी भूमिका को दर्शाते हुए):**
चूंकि यह लेख Android 6.0 Marshmallow के बारे में है, इसलिए क्रिप्टो फ्यूचर्स विश्लेषण सीधे तौर पर लागू नहीं होता है। हालांकि, हम इस अवधारणा का उपयोग यह समझाने के लिए कर सकते हैं कि कैसे किसी तकनीक का 'संस्करण’ या ‘अपग्रेड’ उसकी ‘ट्रेडिंग वॉल्यूम’ और ‘विश्लेषण’ को प्रभावित कर सकता है। इसे एक रूपक के तौर पर इस्तेमाल करेंगे:
1. तकनीकी विश्लेषण का परिचय - किसी तकनीक (जैसे Android संस्करण) के मूल्यांकन के लिए बुनियादी ढांचे को समझना। 2. ट्रेडिंग वॉल्यूम का महत्व - किसी नए Android संस्करण के रिलीज के बाद डिवाइस की बिक्री और बाजार में रुचि का माप। 3. रिस्क मैनेजमेंट - किसी नए Android संस्करण के साथ संभावित बग्स और सुरक्षा कमजोरियों का आकलन। 4. मार्केट सेंटीमेंट - Android Marshmallow के प्रति उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स की राय। 5. फंडामेंटल एनालिसिस - Android Marshmallow की अंतर्निहित विशेषताओं का मूल्यांकन। 6. चार्ट पैटर्न - Android संस्करणों के रिलीज पैटर्न और बाजार प्रतिक्रिया का विश्लेषण। 7. मूविंग एवरेज - Android संस्करणों की लोकप्रियता में रुझानों की पहचान। 8. रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) - Android Marshmallow की बाजार में ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थिति का आकलन। 9. MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस) - Android संस्करणों के बीच गति और दिशा में बदलाव का विश्लेषण। 10. बोलिंगर बैंड - Android Marshmallow की बाजार में अस्थिरता का माप। 11. फिबोनाची रिट्रेसमेंट - Android संस्करणों के मूल्य स्तरों की भविष्यवाणी। 12. सपोर्ट और रेसिस्टेंस लेवल - Android Marshmallow के बाजार में महत्वपूर्ण मूल्य स्तरों की पहचान। 13. ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी - Android Marshmallow के बाजार में लाभ कमाने के लिए रणनीतियों का विकास। 14. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन - विभिन्न Android उपकरणों और संस्करणों में निवेश करके जोखिम को कम करना। 15. क्रिप्टो फ्यूचर्स का परिचय - एक तुलनात्मक संदर्भ के रूप में, क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार की जटिलताओं को समझना। (यह सीधा संबंध नहीं है, लेकिन विशेषज्ञता को दर्शाता है)। 16. लिक्विडिटी - बाजार में Android उपकरणों की उपलब्धता और आसानी से खरीदने/बेचने की क्षमता। 17. मार्केट मेकर - Android डिवाइस निर्माताओं की भूमिका बाजार में आपूर्ति और मांग को संतुलित करने में। 18. ऑर्डर बुक - Android डिवाइस की मांग और आपूर्ति का प्रतिनिधित्व। 19. स्लिपएज - Android डिवाइस की कीमत में अपेक्षित और वास्तविक मूल्य के बीच का अंतर। 20. हेजिंग - Android डिवाइस के मूल्य में गिरावट से बचाने के लिए रणनीतियों का उपयोग।
ध्यान दें: अंतिम 5 लिंक क्रिप्टो फ्यूचर्स से संबंधित हैं, लेकिन इन्हें एक रूपक के रूप में इस्तेमाल किया गया है यह दिखाने के लिए कि कैसे एक विशेषज्ञ इस विषय पर विचार कर सकता है, भले ही यह सीधे तौर पर Android ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित न हो।
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