एटीआर
औसत वास्तविक रेंज (एटीआर): शुरुआती लोगों के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की गतिशील दुनिया में, व्यापारियों के पास सूचित निर्णय लेने में सहायता करने के लिए कई तरह के उपकरण और संकेतक उपलब्ध हैं। इनमें से, औसत वास्तविक रेंज (एटीआर) एक लोकप्रिय और बहुमुखी तकनीकी संकेतक है जिसका उपयोग बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। यह लेख एटीआर की अवधारणा का गहराई से पता लगाएगा, इसके इतिहास, गणना, व्याख्या, उपयोग और क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में इसकी सीमाओं को कवर करेगा। यह शुरुआती लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग रणनीतियों की ठोस समझ प्रदान करेगा।
एटीआर का इतिहास
एटीआर की अवधारणा का विकास जे. वेलेस ईलर द्वारा 1978 में किया गया था, जो एक प्रसिद्ध तकनीकी विश्लेषक थे। ईलर ने अस्थिरता को मापने के लिए एक संकेतक की आवश्यकता को पहचाना जो मूल्य दिशा की परवाह किए बिना मूल्य में उतार-चढ़ाव की सीमा को ध्यान में रखता हो। उन्होंने एटीआर को विकसित किया, जो एक अस्थिरता संकेतक है जो मूल्य सीमा को ध्यान में रखता है, न कि केवल मूल्य परिवर्तन को।
एटीआर की गणना कैसे करें
एटीआर की गणना में कई चरण शामिल होते हैं:
1. वास्तविक रेंज (टीआर) की गणना करें: प्रत्येक अवधि के लिए, वास्तविक रेंज निम्न में से सबसे बड़ा मान है:
* उच्च - निम्न (वर्तमान अवधि की उच्च और निम्न कीमतों के बीच अंतर) * |उच्च - पिछली बंद| (वर्तमान अवधि की उच्च कीमत और पिछली अवधि की बंद कीमत के बीच पूर्ण अंतर) * |निम्न - पिछली बंद| (वर्तमान अवधि की निम्न कीमत और पिछली अवधि की बंद कीमत के बीच पूर्ण अंतर)
2. औसत वास्तविक रेंज (एटीआर) की गणना करें: एटीआर की गणना वास्तविक रेंज का एक सरलीकृत मूविंग एवरेज है। सबसे पहले, एक प्रारंभिक एटीआर मान की गणना पहले n अवधियों के लिए वास्तविक रेंज के औसत के रूप में की जाती है। फिर, बाद की अवधियों के लिए, एटीआर की गणना पिछले एटीआर मान और वर्तमान वास्तविक रेंज के बीच एक भारित औसत के रूप में की जाती है।
सूत्र इस प्रकार है:
एटीआर = [(पिछला एटीआर * (n-1)) + वर्तमान टीआर] / n
जहां:
- n = अवधि (आमतौर पर 14)
- टीआर = वास्तविक रेंज
उदाहरण के लिए, यदि हम 14-अवधि एटीआर की गणना कर रहे हैं, तो हम पहले 14 अवधियों के लिए वास्तविक रेंज का औसत ज्ञात करेंगे। फिर, प्रत्येक बाद की अवधि के लिए, हम पिछले एटीआर मान को 13 से गुणा करेंगे, वर्तमान टीआर में जोड़ेंगे, और परिणाम को 14 से विभाजित करेंगे।
एटीआर की व्याख्या
एटीआर एक एकल संख्या है जो विशिष्ट अवधि में बाजार की अस्थिरता का प्रतिनिधित्व करती है। एटीआर मान जितना अधिक होगा, अस्थिरता उतनी ही अधिक होगी, और इसके विपरीत।
- उच्च एटीआर: एक उच्च एटीआर इंगित करता है कि बाजार अस्थिर है और कीमतें तेजी से और महत्वपूर्ण रूप से बदल रही हैं। यह ब्रेकआउट या महत्वपूर्ण समाचार घटनाओं के दौरान हो सकता है।
- कम एटीआर: एक कम एटीआर इंगित करता है कि बाजार स्थिर है और कीमतें धीरे-धीरे बदल रही हैं। यह साइडवेज ट्रेडिंग रेंज या बाजार में अनिश्चितता के दौरान हो सकता है।
एटीआर को एक निरपेक्ष मान के रूप में व्याख्या किया जाना चाहिए, और इसे अन्य परिसंपत्तियों या समय अवधि के साथ तुलना की जानी चाहिए।
क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एटीआर का उपयोग कैसे करें
एटीआर का उपयोग क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में कई तरीकों से किया जा सकता है:
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर: एटीआर का उपयोग स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करने के लिए किया जा सकता है ताकि संभावित नुकसान को सीमित किया जा सके। एक सामान्य रणनीति एटीआर के कई गुणकों का उपयोग करके स्टॉप-लॉस स्तर निर्धारित करना है। उदाहरण के लिए, एक व्यापारी 2 * एटीआर पर स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि स्टॉप-लॉस स्तर बाजार की अस्थिरता के अनुकूल हो।
- स्थिति का आकार: एटीआर का उपयोग स्थिति के आकार को निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। अस्थिरता जितनी अधिक होगी, स्थिति उतनी ही छोटी होनी चाहिए, और इसके विपरीत। यह सुनिश्चित करता है कि एक एकल व्यापार से संभावित नुकसान व्यापारी के खाते का एक महत्वपूर्ण प्रतिशत नहीं है।
- ब्रेकआउट ट्रेडिंग: एटीआर का उपयोग संभावित ब्रेकआउट की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जब एटीआर बढ़ना शुरू होता है, तो यह इंगित करता है कि बाजार अधिक अस्थिर हो रहा है और ब्रेकआउट की संभावना है।
- रेंज ट्रेडिंग: एटीआर का उपयोग रेंज-बाउंड बाजारों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जब एटीआर कम होता है, तो यह इंगित करता है कि बाजार रेंज-बाउंड है और रेंज ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग किया जा सकता है।
- वॉल्यूम विश्लेषण: एटीआर को वॉल्यूम विश्लेषण के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि व्यापारिक अवसरों की पुष्टि की जा सके। उदाहरण के लिए, यदि एटीआर बढ़ रहा है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है, तो यह एक मजबूत ब्रेकआउट का संकेत हो सकता है।
- वोलेटिलिटी कॉन्ट्रैक्शन (VC) रणनीति: यह रणनीति एटीआर में गिरावट की तलाश करती है, जो संभावित ब्रेकआउट से पहले की शांत अवधि का संकेत दे सकती है। वोलेटिलिटी कॉन्ट्रैक्शन के बाद, एटीआर में वृद्धि एक ब्रेकआउट का संकेत दे सकती है।
- बोलिंगर बैंड्स के साथ संयोजन: एटीआर का उपयोग बोलिंगर बैंड्स के मानकों को समायोजित करने के लिए किया जा सकता है। अस्थिरता बढ़ने पर बैंड को चौड़ा किया जा सकता है और अस्थिरता कम होने पर संकरा किया जा सकता है।
एटीआर की सीमाएं
एटीआर एक उपयोगी संकेतक है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं हैं:
- विलंबित संकेतक: एटीआर एक विलंबित संकेतक है, जिसका अर्थ है कि यह मूल्य कार्रवाई के बाद प्रतिक्रिया करता है। यह झूठे संकेत उत्पन्न कर सकता है, खासकर तेजी से बदलते बाजारों में।
- दिशात्मक जानकारी नहीं: एटीआर केवल अस्थिरता को मापता है, और यह मूल्य दिशा के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं करता है। व्यापारियों को अन्य संकेतकों का उपयोग करके मूल्य दिशा की पुष्टि करनी चाहिए।
- अवधि का चयन: एटीआर की गणना के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि का विकल्प परिणामों को प्रभावित कर सकता है। व्यापारियों को अपनी ट्रेडिंग शैली और समय सीमा के लिए उपयुक्त अवधि चुननी चाहिए।
- भ्रामक संकेत: कुछ मामलों में, एटीआर भ्रामक संकेत उत्पन्न कर सकता है, खासकर जब बाजार में अचानक और अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं।
एटीआर के लिए अतिरिक्त सुझाव
- एटीआर का उपयोग अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ संयोजन में करें, जैसे कि मूविंग एवरेज, आरएसआई, और एमएसीडी, अधिक सटीक व्यापारिक संकेत प्राप्त करने के लिए।
- विभिन्न समय-सीमाओं पर एटीआर का विश्लेषण करें ताकि बाजार की अस्थिरता का समग्र दृष्टिकोण प्राप्त हो सके।
- एटीआर के इतिहास की समीक्षा करें ताकि विशिष्ट परिसंपत्ति के लिए सामान्य अस्थिरता स्तरों को समझा जा सके।
- एटीआर का उपयोग करके अपनी ट्रेडिंग रणनीति का परीक्षण करने के लिए पेपर ट्रेडिंग का उपयोग करें ताकि वास्तविक पूंजी को जोखिम में डालने से पहले इसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जा सके।
- बाजार की स्थितियों के अनुसार अपनी एटीआर सेटिंग्स को समायोजित करें।
निष्कर्ष
औसत वास्तविक रेंज (एटीआर) एक मूल्यवान उपकरण है जो क्रिप्टो फ्यूचर्स व्यापारियों को बाजार की अस्थिरता को मापने और बेहतर ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद कर सकता है। इसकी गणना और व्याख्या को समझकर, व्यापारी स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं, स्थिति का आकार निर्धारित कर सकते हैं, ब्रेकआउट की पहचान कर सकते हैं और रेंज-बाउंड बाजारों में व्यापार कर सकते हैं। हालांकि, एटीआर की सीमाओं के बारे में पता होना और अन्य संकेतकों के साथ संयोजन में इसका उपयोग करना महत्वपूर्ण है। जोखिम प्रबंधन और निरंतर सीखने के साथ, एटीआर आपके ट्रेडिंग टूलकिट का एक शक्तिशाली अतिरिक्त हो सकता है।
संबंधित विषय
- तकनीकी विश्लेषण
- वॉल्यूम विश्लेषण
- जोखिम प्रबंधन
- ट्रेडिंग रणनीतियाँ
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर
- स्थिति का आकार
- ब्रेकआउट ट्रेडिंग
- रेंज ट्रेडिंग
- मूविंग एवरेज
- आरएसआई (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स)
- एमएसीडी (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस)
- बोलिंगर बैंड्स
- वोलेटिलिटी कॉन्ट्रैक्शन
- क्रिप्टो फ्यूचर्स
- अस्थिरता
- ट्रेडिंग मनोविज्ञान
- पेपर ट्रेडिंग
- मार्केट ट्रेंड
- सपोर्ट और रेसिस्टेंस
- चार्ट पैटर्न
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