फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार: पेरपेचुअल और डेटेड कॉन्ट्रैक्ट्स की समझ
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार: पेरपेचुअल और डेटेड कॉन्ट्रैक्ट्स की समझ
क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर्स ट्रेडिंग में, दो प्रमुख प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं: पेरपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स और डेटेड कॉन्ट्रैक्ट्स। यह लेख इन दोनों प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स को समझने के साथ-साथ टेक्निकल एनालिसिस और वेव एनालिसिस के माध्यम से ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज पर विस्तार से चर्चा करेगा।
टेक्निकल एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मुख्य रूप से प्राइस चार्ट्स और इंडिकेटर्स का उपयोग करके मार्केट ट्रेंड्स और पैटर्न्स की पहचान करने पर केंद्रित होता है।
मुख्य इंडिकेटर्स
- RSI (Relative Strength Index): यह ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों की पहचान करने में मदद करता है। RSI का मान 70 से ऊपर होने पर ओवरबॉट और 30 से नीचे होने पर ओवरसोल्ड माना जाता है। टेक्निकल एनालिसिस में RSI का उपयोग करने के तरीके पर अधिक जानकारी।
- MACD (Moving Average Convergence Divergence): यह ट्रेंड की दिशा और मोमेंटम को दर्शाता है। MACD लाइन और सिग्नल लाइन के क्रॉसओवर से ट्रेडिंग सिग्नल्स मिलते हैं।
- मूविंग एवरेजेज: सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) और एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) ट्रेंड की पहचान करने में मदद करते हैं। मूविंग एवरेज के बारे में अधिक जानकारी।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स की पहचान करना टेक्निकल एनालिसिस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सपोर्ट लेवल वह प्राइस पॉइंट है जहां डिमांड मजबूत होती है, जबकि रेजिस्टेंस लेवल वह पॉइंट है जहां सप्लाई मजबूत होती है। सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स की पहचान करने के तरीके।
चार्ट पैटर्न्स
चार्ट पैटर्न्स जैसे हेड एंड शोल्डर्स, डबल टॉप्स, और ट्रायंगल्स ट्रेडिंग सिग्नल्स प्रदान करते हैं। चार्ट पैटर्न्स के बारे में अधिक जानकारी।
वेव एनालिसिस
वेव एनालिसिस मार्केट के मनोवैज्ञानिक पैटर्न्स को समझने में मदद करता है। इसमें मुख्य रूप से इलियट वेव थ्योरी का उपयोग किया जाता है।
इलियट वेव थ्योरी
इलियट वेव थ्योरी के अनुसार, मार्केट मूवमेंट्स 5-3 वेव पैटर्न में होते हैं। पहले 5 वेव्स इम्पल्सिव वेव्स होती हैं, जबकि अगले 3 वेव्स करेक्टिव वेव्स होती हैं। इलियट वेव थ्योरी के बारे में अधिक जानकारी।
वेव स्ट्रक्चर एनालिसिस
वेव स्ट्रक्चर एनालिसिस के माध्यम से ट्रेडर्स मार्केट के अगले मूवमेंट की भविष्यवाणी कर सकते हैं। वेव स्ट्रक्चर एनालिसिस के बारे में अधिक जानकारी।
प्राइस मूवमेंट्स की भविष्यवाणी
वेव एनालिसिस का उपयोग करके ट्रेडर्स प्राइस मूवमेंट्स की भविष्यवाणी कर सकते हैं और उचित ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज बना सकते हैं। प्राइस मूवमेंट्स की भविष्यवाणी के बारे में अधिक जानकारी।
ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज
क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में विभिन्न स्ट्रैटेजीज का उपयोग किया जाता है, जिनमें बेसिस ट्रेड, स्विंग ट्रेडिंग, और आर्बिट्रेज शामिल हैं।
बेसिस ट्रेड
बेसिस ट्रेड में स्पॉट प्राइस और फ्यूचर्स प्राइस के बीच के अंतर का लाभ उठाया जाता है। बेसिस ट्रेड के बारे में अधिक जानकारी।
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स शॉर्ट टर्म प्राइस मूवमेंट्स से लाभ उठाते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी।
आर्बिट्रेज
आर्बिट्रेज में विभिन्न एक्सचेंजों पर प्राइस डिफरेंस का लाभ उठाया जाता है। आर्बिट्रेज के बारे में अधिक जानकारी।
ऐतिहासिक डेटा तुलना
नीचे दी गई तालिका में CoinGlass, TradingView, और एक्सचेंज APIs से प्राप्त ऐतिहासिक डेटा की तुलना की गई है।
स्रोत | डेटा प्रकार | उपयोग |
---|---|---|
CoinGlass | ओपन इंटरेस्ट | मार्केट सेंटीमेंट एनालिसिस |
TradingView | चार्ट पैटर्न्स | टेक्निकल एनालिसिस |
एक्सचेंज APIs | रियल-टाइम डेटा | आर्बिट्रेज |
संदर्भ
- फ्यूचर्स ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज
- क्रिप्टो फ्यूचर्स में टेक्निकल एनालिसिस
- इलियट वेव थ्योरी
- सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स
- क्रिप्टो ट्रेडिंग में मूविंग एवरेजेज
- क्रिप्टो ट्रेडिंग में चार्ट पैटर्न्स
- वेव स्ट्रक्चर एनालिसिस
- प्राइस मूवमेंट्स की भविष्यवाणी
- बेसिस ट्रेड
- क्रिप्टो में स्विंग ट्रेडिंग
- क्रिप्टो ट्रेडिंग में आर्बिट्रेज
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