परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स में मार्जिन ट्रेडिंग के नियम और आवश्यकताएँ
परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स में मार्जिन ट्रेडिंग के नियम और आवश्यकताएँ
क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर्स ट्रेडिंग में परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह लेख परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स में मार्जिन ट्रेडिंग के नियम, आवश्यकताएँ, और उनके मैकेनिज्म को विस्तार से समझाएगा।
फ्यूचर्स-स्पेसिफिक एलिमेंट्स
कॉन्ट्रैक्ट स्पेसिफिकेशन
परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स और क्वार्टरली फ्यूचर्स के बीच मुख्य अंतर उनकी एक्सपायरी डेट और सेटलमेंट प्रक्रिया में होता है। परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती, जबकि क्वार्टरली फ्यूचर्स हर तीन महीने में सेटल होते हैं।
कॉन्ट्रैक्ट प्रकार | एक्सपायरी | मार्जिन आवश्यकता | सेटलमेंट | परपेचुअल | नहीं | 1-100x | फंडिंग रेट | क्वार्टरली | 3 महीने | 1-50x | अंतिम मूल्य |
फंडिंग रेट मैकेनिज्म
फंडिंग रेट परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स का एक अनूठा तत्व है। यह लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन वालों के बीच एक समझौता है, जो कॉन्ट्रैक्ट के मार्क प्राइस को स्पॉट प्राइस के करीब रखता है।
लिक्विडेशन प्राइस कैलकुलेशन
लिक्विडेशन प्राइस की गणना मार्जिन, लेवरेज, और पोजीशन साइज पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, 10x लेवरेज पर 1 BTC की पोजीशन के लिए लिक्विडेशन प्राइस मार्क प्राइस से 10% कम होगा।
एक्सचेंज तुलना
लेवरेज लिमिट्स
एक्सचेंज | अधिकतम लेवरेज | मार्जिन मोड | Binance | 125x | क्रॉस/आइसोलेटेड | Bybit | 100x | क्रॉस/आइसोलेटेड | Bitget | 125x | क्रॉस/आइसोलेटेड |
फीस स्ट्रक्चर
फ्यूचर्स ट्रेडिंग में फीस स्ट्रक्चर एक्सचेंज के अनुसार अलग-अलग होता है। Binance और Bybit में मेकर-टेकर मॉडल का उपयोग किया जाता है, जबकि Bitget में फ्लैट फीस होती है।
ट्रेडिंग मैकेनिक्स
पोजीशन साइजिंग
पोजीशन साइजिंग फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ट्रेडर के रिस्क टॉलरेंस और मार्जिन कैपेसिटी पर निर्भर करता है।
मार्जिन मोड
क्रॉस मार्जिन और आइसोलेटेड मार्जिन दो मुख्य मोड हैं। क्रॉस मार्जिन में सभी पोजीशन एक साथ जुड़े होते हैं, जबकि आइसोलेटेड मार्जिन में प्रत्येक पोजीशन अलग होता है।
हेजिंग स्ट्रैटेजी
हेजिंग स्ट्रैटेजी का उपयोग मार्केट रिस्क को कम करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, स्पॉट मार्केट में लॉन्ग पोजीशन को फ्यूचर्स में शॉर्ट पोजीशन से हेज किया जा सकता है।
आर्बिट्रेज अवसर
आर्बिट्रेज अवसर फ्यूचर्स और स्पॉट मार्केट के बीच प्राइस डिस्क्रिपेंसी से उत्पन्न होते हैं। यह ट्रेडर्स के लिए जोखिम-मुक्त लाभ का स्रोत हो सकता है।
मार्जिन कैलकुलेटर उदाहरण
पोजीशन साइज | लेवरेज | मार्जिन आवश्यकता | 1 BTC | 10x | 0.1 BTC | 5 BTC | 20x | 0.25 BTC |
निष्कर्ष
परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स में मार्जिन ट्रेडिंग एक शक्तिशाली टूल है, लेकिन इसमें रिस्क मैनेजमेंट और फ्यूचर्स ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी का सही ज्ञान आवश्यक है। एक्सचेंज की विशेषताओं और फीस स्ट्रक्चर को समझकर ही सफल ट्रेडिंग संभव है।
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