DES (डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड)
डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (DES)
डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (DES) एक सममित-कुंजी ब्लॉक सिफर है, जो 1970 के दशक में विकसित किया गया था और कुछ समय तक संयुक्त राज्य अमेरिका में एन्क्रिप्टेड डेटा के लिए स्वीकृत मानक था। यह एन्क्रिप्शन का एक मूलभूत उदाहरण है और आधुनिक क्रिप्टोग्राफी की समझ के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि इसे अब असुरक्षित माना जाता है, DES ने एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम के विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया और AES (एडवांस्ड एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड) जैसे आधुनिक एल्गोरिदम का मार्ग प्रशस्त किया।
इतिहास और विकास
DES का विकास 1970 के दशक की शुरुआत में हुआ, जब National Security Agency (NSA) डेटा एन्क्रिप्शन के लिए एक मानक विकसित करने के लिए National Institute of Standards and Technology (NIST) के साथ मिलकर काम कर रहा था। उस समय, डेटा संचार तेजी से बढ़ रहा था, और डेटा की सुरक्षा एक बढ़ती हुई चिंता बन गई थी। IBM ने DES एल्गोरिदम को डिजाइन किया, और इसे 1976 में एक संघीय सूचना प्रसंस्करण मानक (FIPS) के रूप में अपनाया गया।
DES का डिज़ाइन विवादास्पद था, कुछ क्रिप्टोग्राफरों ने इसकी कुंजी लंबाई (56 बिट्स) को लेकर चिंता व्यक्त की, उनका मानना था कि यह ब्रूट-फोर्स अटैक के लिए बहुत कम थी। NSA पर एल्गोरिदम को कमजोर करने का आरोप लगाया गया ताकि वे गुप्त रूप से एन्क्रिप्टेड डेटा को डिक्रिप्ट कर सकें, लेकिन इन आरोपों को कभी भी निर्णायक रूप से साबित नहीं किया जा सका।
DES का एल्गोरिदम
DES एक ब्लॉक सिफर है, जिसका अर्थ है कि यह डेटा को निश्चित आकार के ब्लॉकों में एन्क्रिप्ट करता है। DES के मामले में, ब्लॉक का आकार 64 बिट्स है। एल्गोरिदम निम्नलिखित चरणों का उपयोग करता है:
1. प्रारंभिक क्रमपरिवर्तन (Initial Permutation): 64-बिट इनपुट ब्लॉक को एक निश्चित क्रम में पुनर्व्यवस्थित किया जाता है।
2. 16 राउंड्स (Rounds): DES में 16 समान राउंड होते हैं, प्रत्येक में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
* विभाजन (Splitting): 64-बिट ब्लॉक को दो 32-बिट भागों में विभाजित किया जाता है: बाएं (L) और दाएं (R)। * कुंजी अनुसूची (Key Schedule): 56-बिट कुंजी का उपयोग 48-बिट सबकी बनाने के लिए किया जाता है, प्रत्येक राउंड के लिए एक। * विस्तार क्रमपरिवर्तन (Expansion Permutation): दाएं भाग (R) को 32 बिट्स से 48 बिट्स तक विस्तारित किया जाता है। * XOR ऑपरेशन (XOR Operation): विस्तारित दाएं भाग को सबकी के साथ XOR किया जाता है। * S-बॉक्स प्रतिस्थापन (S-Box Substitution): XOR परिणाम को आठ S-बॉक्सों के माध्यम से पारित किया जाता है, जो गैर-रेखीय प्रतिस्थापन करते हैं। यह DES की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। * क्रमपरिवर्तन (Permutation): S-बॉक्स आउटपुट को पुनर्व्यवस्थित किया जाता है। * स्वैपिंग (Swapping): बाएं (L) और दाएं (R) भागों को स्वैप किया जाता है।
3. अंतिम क्रमपरिवर्तन (Final Permutation): 16 राउंड्स के बाद, बाएं और दाएं भागों को संयोजित किया जाता है और एक अंतिम क्रमपरिवर्तन लागू किया जाता है।
कुंजी अनुसूची
DES में 56-बिट कुंजी का उपयोग किया जाता है, लेकिन वास्तव में केवल 56 बिट्स का उपयोग किया जाता है, बाकी 8 बिट्स पैरिटी बिट्स के लिए उपयोग किए जाते हैं। कुंजी अनुसूची इन 56 बिट्स से 16 राउंड्स के लिए 48-बिट सबकी उत्पन्न करती है। यह प्रक्रिया परिवर्तन (permutation) और शिफ्टिंग (shifting) का उपयोग करती है।
S-बॉक्स
S-बॉक्स DES की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं। वे गैर-रेखीय प्रतिस्थापन करते हैं जो एल्गोरिदम को रेखीय क्रिप्ट विश्लेषण के प्रतिरोधी बनाते हैं। DES में आठ S-बॉक्स हैं, प्रत्येक 6-बिट इनपुट लेता है और 4-बिट आउटपुट उत्पन्न करता है। S-बॉक्सों को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है ताकि वे विभेदक क्रिप्ट विश्लेषण जैसे हमलों के प्रति भी प्रतिरोधी हों।
DES की कमजोरियां
DES एल्गोरिदम में कई कमजोरियां पाई गई हैं:
- छोटी कुंजी लंबाई (Small Key Length): 56-बिट कुंजी लंबाई आधुनिक कंप्यूटरों के लिए बहुत छोटी है, और ब्रूट-फोर्स अटैक के माध्यम से इसे आसानी से तोड़ा जा सकता है।
- S-बॉक्स कमजोरियां (S-Box Weaknesses): S-बॉक्सों में कुछ कमजोरियां पाई गई हैं जिनका उपयोग हमलों को डिजाइन करने के लिए किया जा सकता है।
- रेखीय और विभेदक क्रिप्ट विश्लेषण (Linear and Differential Cryptanalysis): DES रेखीय क्रिप्ट विश्लेषण और विभेदक क्रिप्ट विश्लेषण जैसे हमलों के प्रति संवेदनशील है, हालांकि ये हमले व्यावहारिक रूप से लागू करना मुश्किल है।
DES के वेरिएंट
DES की कमजोरियों को दूर करने के लिए कई वेरिएंट विकसित किए गए हैं:
- 2DES (डबल DES): DES को दो बार लागू करना, दो अलग-अलग कुंजियों का उपयोग करके। यह सुरक्षा को बढ़ाता है, लेकिन यह अभी भी कमजोर है।
- 3DES (ट्रिपल DES): DES को तीन बार लागू करना, या तो दो अलग-अलग कुंजियों या तीन कुंजियों का उपयोग करके। 3DES DES से अधिक सुरक्षित है, लेकिन यह धीमा है।
- DESX (DES with Extended Key): DES में एक अतिरिक्त कुंजी जोड़ना।
DES का प्रतिस्थापन: AES
DES की कमजोरियों के कारण, इसे AES (एडवांस्ड एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड) से बदल दिया गया है। AES एक सममित-कुंजी ब्लॉक सिफर है जिसमें 128, 192, या 256 बिट्स की कुंजी लंबाई होती है। AES DES से अधिक सुरक्षित, तेज और कुशल है। NIST ने 2001 में AES को एक मानक के रूप में अपनाया।
DES का उपयोग आज
जबकि DES अब व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, यह अभी भी कुछ विरासत प्रणालियों में पाया जा सकता है। इसका उपयोग अक्सर हैशिंग के संदर्भ में या डिजिटल हस्ताक्षर में किया जाता है, लेकिन सीधे एन्क्रिप्शन के लिए नहीं। DES ने क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आधुनिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम के विकास को प्रभावित किया है।
DES और क्रिप्टो फ्यूचर्स
हालांकि DES सीधे क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन एन्क्रिप्शन के मूल सिद्धांत क्रिप्टो फ्यूचर्स प्लेटफॉर्म की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। क्रिप्टो फ्यूचर्स प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी, ट्रेडिंग डेटा और फंड की सुरक्षा के लिए TLS/SSL जैसे आधुनिक एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं। DES की समझ हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे एन्क्रिप्शन काम करता है और क्रिप्टो फ्यूचर्स प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
DES एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम है जिसने क्रिप्टोग्राफी के विकास को प्रभावित किया। हालांकि यह अब असुरक्षित माना जाता है और इसे AES से बदल दिया गया है, DES ने एन्क्रिप्शन के मूल सिद्धांतों को समझने और आधुनिक सुरक्षा प्रोटोकॉल के विकास के लिए एक आधार प्रदान किया है। DES की कमजोरियों ने क्रिप्टोग्राफिक अनुसंधान को आगे बढ़ाया और अधिक सुरक्षित एल्गोरिदम के विकास को प्रोत्साहित किया।
संबंधित विषय
- एन्क्रिप्शन
- क्रिप्टोग्राफी
- सममित-कुंजी एन्क्रिप्शन
- ब्लॉक सिफर
- कुंजी लंबाई
- ब्रूट-फोर्स अटैक
- AES (एडवांस्ड एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड)
- TLS/SSL
- डिजिटल हस्ताक्षर
- हैशिंग
- रेखीय क्रिप्ट विश्लेषण
- विभेदक क्रिप्ट विश्लेषण
- S-बॉक्स
- परिवर्तन (permutation)
- शिफ्टिंग (shifting)
- पैरिटी बिट्स
- 3DES (ट्रिपल DES)
- DESX (DES with Extended Key)
- National Security Agency (NSA)
- National Institute of Standards and Technology (NIST)
- क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग
- सुरक्षा प्रोटोकॉल
- तकनीकी विश्लेषण
- ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण
- रिस्क मैनेजमेंट
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