ATR (औसत वास्तविक सीमा)
- एटीआर (औसत वास्तविक सीमा): क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडर्स के लिए एक संपूर्ण गाइड
एटीआर, या औसत वास्तविक सीमा, एक लोकप्रिय तकनीकी संकेतक है जिसका उपयोग व्यापारियों द्वारा किसी संपत्ति की अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार में उपयोगी है, जो अपनी उच्च अस्थिरता के लिए जाना जाता है। यह लेख एटीआर को गहराई से समझने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका है, जिसमें इसकी गणना, व्याख्या और ट्रेडिंग रणनीतियों में अनुप्रयोग शामिल हैं।
एटीआर क्या है?
एटीआर एक अस्थिरता संकेतक है, जिसका अर्थ है कि यह मूल्य के उतार-चढ़ाव की डिग्री को मापता है। यह एक निश्चित अवधि में संपत्ति की 'वास्तविक सीमा' की औसत गणना करता है। 'वास्तविक सीमा' एक दिन (या किसी अन्य चुने हुए समयावधि) में उच्च और निम्न मूल्यों के बीच का अंतर है, लेकिन यह पिछले दिन की क्लोजिंग कीमत के सापेक्ष अंतर को भी ध्यान में रखता है। यह पिछले क्लोजिंग मूल्य के सापेक्ष अंतर को ध्यान में रखकर मूल्य अंतरों को सामान्य करता है, जिससे विभिन्न मूल्य स्तरों पर अस्थिरता की तुलना करने में मदद मिलती है।
एटीआर की गणना कैसे की जाती है?
एटीआर की गणना थोड़ी जटिल है, लेकिन इसे समझने के लिए इसे चरणों में तोड़ा जा सकता है। मूल रूप से, एटीआर तीन अलग-अलग गणनाओं में से सबसे बड़ी का उपयोग करता है:
1. **वर्तमान उच्च - वर्तमान निम्न:** वर्तमान ट्रेडिंग अवधि के उच्च और निम्न मूल्यों के बीच का अंतर। 2. **वर्तमान उच्च - पिछले क्लोज:** वर्तमान उच्च और पिछले ट्रेडिंग अवधि की क्लोजिंग कीमत के बीच का अंतर। 3. **वर्तमान निम्न - पिछले क्लोज:** वर्तमान निम्न और पिछले ट्रेडिंग अवधि की क्लोजिंग कीमत के बीच का अंतर।
इन तीन मानों में से सबसे बड़ा 'वास्तविक सीमा' है। फिर, एटीआर को निर्दिष्ट अवधि (आमतौर पर 14 अवधि) में इन वास्तविक सीमाओं का औसत निकालकर गणना की जाती है।
सूत्र इस प्रकार है:
एटीआर = (पिछले एटीआर * (n-1) + वर्तमान वास्तविक सीमा) / n
जहां:
- n = अवधि की संख्या (उदाहरण के लिए, 14)
- एटीआर = औसत वास्तविक सीमा
- वर्तमान वास्तविक सीमा = ऊपर वर्णित तीन गणनाओं में से सबसे बड़ी।
पहले एटीआर मान की गणना के लिए, पहले वास्तविक सीमा की गणना की जाती है और उस मान को अवधि की संख्या से विभाजित किया जाता है।
एटीआर की व्याख्या कैसे करें?
एटीआर का मान स्वयं एक निश्चित संख्या है, लेकिन इसकी व्याख्या संदर्भ पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर:
- **उच्च एटीआर:** उच्च एटीआर इंगित करता है कि संपत्ति अधिक अस्थिर है। इसका मतलब है कि मूल्य में तेजी से और बड़े बदलाव होने की संभावना है। जोखिम प्रबंधन महत्वपूर्ण है क्योंकि अस्थिरता बढ़ने पर नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है।
- **निम्न एटीआर:** निम्न एटीआर इंगित करता है कि संपत्ति कम अस्थिर है। इसका मतलब है कि मूल्य में धीमी गति से और कम बदलाव होने की संभावना है। रेंज ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए यह एक उपयुक्त बाजार हो सकता है।
एटीआर का उपयोग अन्य संकेतकों के साथ संयोजन में किया जाना चाहिए ताकि अधिक सटीक ट्रेडिंग संकेत प्राप्त किए जा सकें। उदाहरण के लिए, एटीआर का उपयोग बोलिंगर बैंड या आरएसआई जैसे संकेतकों के साथ किया जा सकता है ताकि संभावित ब्रेकआउट या रिवर्सल की पहचान की जा सके।
क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एटीआर का उपयोग कैसे करें?
एटीआर का उपयोग कई अलग-अलग तरीकों से क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में किया जा सकता है। कुछ सामान्य अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
- **स्टॉप-लॉस ऑर्डर का प्लेसमेंट:** एटीआर का उपयोग स्टॉप-लॉस ऑर्डर को रणनीतिक रूप से रखने के लिए किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि स्टॉप-लॉस बहुत करीब न हो, जिससे बाजार की सामान्य अस्थिरता के कारण अनावश्यक रूप से ट्रिगर हो जाए। एक सामान्य नियम यह है कि स्टॉप-लॉस को एटीआर के 2 या 3 गुना पर रखा जाए।
- **पोजिशन साइजिंग:** एटीआर का उपयोग उचित पोजिशन साइजिंग निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। उच्च अस्थिरता वाले बाजारों में, छोटी पोजीशन साइज का उपयोग करना उचित है, जबकि कम अस्थिरता वाले बाजारों में बड़ी पोजीशन साइज का उपयोग किया जा सकता है।
- **ब्रेकआउट ट्रेडिंग:** एटीआर का उपयोग संभावित ब्रेकआउट की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जब एटीआर बढ़ रहा है, तो यह एक मजबूत प्रवृत्ति का संकेत दे सकता है। यदि मूल्य एक प्रतिरोध स्तर को तोड़ता है जो एटीआर से समर्थित है, तो यह एक ब्रेकआउट ट्रेडिंग अवसर हो सकता है।
- **रेंज ट्रेडिंग:** एटीआर का उपयोग संभावित रेंज ट्रेडिंग अवसरों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जब एटीआर कम है, तो यह एक साइडवेज बाजार का संकेत दे सकता है। एक व्यापारी एक समर्थन स्तर पर खरीद और एक प्रतिरोध स्तर पर बेच सकता है।
- **वॉल्यूम विश्लेषण के साथ संयोजन:** एटीआर को वॉल्यूम विश्लेषण के साथ मिलाने से ब्रेकआउट की पुष्टि करने में मदद मिलती है। यदि एटीआर बढ़ रहा है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है, तो यह एक मजबूत ब्रेकआउट का संकेत है।
एटीआर की सीमाएँ
एटीआर एक उपयोगी संकेतक है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं।
- **लैगिंग इंडिकेटर:** एटीआर एक लैगिंग इंडिकेटर है, जिसका अर्थ है कि यह मूल्य कार्रवाई के बाद प्रतिक्रिया करता है। यह भविष्य के मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने में सटीक नहीं हो सकता है।
- **सीधे दिशा नहीं बताता:** एटीआर केवल अस्थिरता को मापता है, यह नहीं बताता कि मूल्य किस दिशा में जाएगा।
- **झूठे संकेत:** एटीआर कभी-कभी झूठे संकेत उत्पन्न कर सकता है, खासकर अस्थिर बाजारों में।
इन सीमाओं को ध्यान में रखना और अन्य संकेतकों और विश्लेषण तकनीकों के साथ एटीआर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
एटीआर और अन्य अस्थिरता संकेतक
एटीआर बाजार की अस्थिरता को मापने के लिए उपयोग किया जाने वाला एकमात्र संकेतक नहीं है। अन्य लोकप्रिय अस्थिरता संकेतकों में शामिल हैं:
- **बोलिंगर बैंड:** बोलिंगर बैंड मूल्य के चारों ओर एक बैंड बनाते हैं जो अस्थिरता के आधार पर विस्तारित और संकुचित होते हैं।
- **वोलैटिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स):** वीआईएक्स स्टॉक मार्केट की प्रत्याशित अस्थिरता को मापता है।
- **केल्टनर चैनल:** केल्टनर चैनल बोलिंगर बैंड के समान हैं, लेकिन वे औसत वास्तविक सीमा (एटीआर) का उपयोग करते हैं।
प्रत्येक संकेतक की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं, और व्यापारी अपनी ट्रेडिंग शैली और बाजार की स्थितियों के आधार पर सबसे उपयुक्त संकेतक का चयन कर सकते हैं।
उन्नत एटीआर अवधारणाएँ
- **एटीआर ट्रेलिंग स्टॉप:** ट्रेलिंग स्टॉप एक प्रकार का स्टॉप-लॉस ऑर्डर है जो मूल्य के साथ ऊपर की ओर बढ़ता है। एटीआर का उपयोग ट्रेलिंग स्टॉप की दूरी निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे लाभ को लॉक करने और नुकसान को सीमित करने में मदद मिलती है।
- **एटीआर-आधारित चैनल:** एटीआर का उपयोग मूल्य चैनलों का निर्माण करने के लिए किया जा सकता है। ये चैनल संभावित समर्थन और प्रतिरोध स्तरों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
- **एटीआर के साथ कई समयावधि विश्लेषण:** विभिन्न समयावधियों पर एटीआर का विश्लेषण करने से बाजार की अस्थिरता की एक अधिक व्यापक तस्वीर मिल सकती है।
निष्कर्ष
एटीआर क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार में व्यापारियों के लिए एक मूल्यवान उपकरण है। यह बाजार की अस्थिरता को मापने और उचित जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने में मदद करता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एटीआर एक अकेला उपकरण नहीं है और इसका उपयोग अन्य संकेतकों और विश्लेषण तकनीकों के साथ संयोजन में किया जाना चाहिए।
इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
संदर्भ
- तकनीकी विश्लेषण
- क्रिप्टो फ्यूचर्स
- जोखिम प्रबंधन
- पोजिशन साइजिंग
- ब्रेकआउट ट्रेडिंग
- रेंज ट्रेडिंग
- वॉल्यूम विश्लेषण
- बोलिंगर बैंड
- आरएसआई
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर
- ट्रेलिंग स्टॉप
- केल्टनर चैनल
- वोलैटिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स)
- समर्थन और प्रतिरोध स्तर
- ट्रेडिंग रणनीतियाँ
- फंडामेंटल विश्लेषण
- मार्केट साइकोलॉजी
- चार्ट पैटर्न
- कैंडलस्टिक पैटर्न
- फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट
- मूविंग एवरेज
अवधि | 14 |
उपयोग | अस्थिरता मापना, स्टॉप-लॉस प्लेसमेंट, पोजीशन साइजिंग, ब्रेकआउट ट्रेडिंग |
संयोजन | बोलिंगर बैंड, आरएसआई, वॉल्यूम विश्लेषण |
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