C++

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C++: शुरुआती लोगों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका

C++ एक शक्तिशाली और बहुमुखी प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग सिस्टम सॉफ्टवेयर, गेम डेवलपमेंट, उच्च-प्रदर्शन अनुप्रयोगों और कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है। यह एक वस्तु-उन्मुख प्रोग्रामिंग (OOP) भाषा है, जिसका अर्थ है कि यह डेटा और कोड को 'ऑब्जेक्ट्स' नामक इकाइयों में व्यवस्थित करने पर केंद्रित है। यह लेख C++ की मूलभूत अवधारणाओं को प्रस्तुत करेगा, जिससे शुरुआती लोगों को इस भाषा को सीखने की अच्छी शुरुआत मिल सके।

इतिहास और विकास

C++ का विकास 1979 में बेल्ल लैब्स में बजारने स्ट्रॉस्ट्रुप द्वारा शुरू किया गया था। यह मूल रूप से 'C विद क्लासेस' के रूप में जाना जाता था, और इसका उद्देश्य C भाषा में ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग क्षमताओं को जोड़ना था। 1983 में इसका नाम बदलकर C++ कर दिया गया। '++' ऑपरेटर C में एक इंक्रीमेंट ऑपरेटर है, इसलिए यह नाम C भाषा के विस्तार को दर्शाता है।

C++ ने वर्षों में कई संशोधन देखे हैं, जिनमें से प्रत्येक नए फीचर्स और सुधारों को पेश करता है। सबसे महत्वपूर्ण मानकों में शामिल हैं:

  • C++98: पहला मानकीकृत C++ मानक।
  • C++03: C++98 में मामूली सुधार और बग फिक्स।
  • C++11: एक प्रमुख संशोधन जिसने भाषा में महत्वपूर्ण नई सुविधाएँ जोड़ीं, जैसे लैम्डा एक्सप्रेशन, ऑटो कीवर्ड और रेंज-आधारित फॉर लूप।
  • C++14: C++11 में मामूली सुधार।
  • C++17: और भी नई सुविधाएँ और सुधार पेश किए गए।
  • C++20: नवीनतम मानक, जो अवधारणाओं, कोरोटिन और मॉड्यूल जैसी प्रमुख सुविधाएँ जोड़ता है।

C++ के बुनियादी घटक

C++ प्रोग्राम कई बुनियादी घटकों से मिलकर बने होते हैं:

  • फ़ाइलें (Files): C++ कोड आमतौर पर .cpp एक्सटेंशन वाली टेक्स्ट फ़ाइलों में लिखा जाता है।
  • लाइब्रेरीज़ (Libraries): C++ में पहले से लिखे गए कोड के संग्रह होते हैं जिनका उपयोग विभिन्न कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, iostream लाइब्रेरी इनपुट और आउटपुट संचालन के लिए कार्य प्रदान करती है।
  • कंपाइलर (Compiler): यह एक प्रोग्राम है जो C++ कोड को मशीन-पठनीय कोड में अनुवाद करता है। सबसे लोकप्रिय C++ कंपाइलरों में से कुछ हैं: GNU Compiler Collection (GCC), Clang, और Microsoft Visual C++।
  • लिंकर (Linker): यह विभिन्न ऑब्जेक्ट फ़ाइलों को एक निष्पादन योग्य प्रोग्राम में जोड़ता है।

पहला C++ प्रोग्राम

यहाँ एक सरल "हेलो, वर्ल्ड!" प्रोग्राम है:

```c++

  1. include <iostream>

int main() {

 std::cout << "हेलो, वर्ल्ड!" << std::endl;
 return 0;

} ```

इस प्रोग्राम में:

  • `#include <iostream>`: iostream लाइब्रेरी को शामिल करता है, जो इनपुट और आउटपुट संचालन के लिए आवश्यक है।
  • `int main()`: यह प्रोग्राम का एंट्री पॉइंट है। प्रोग्राम का निष्पादन यहीं से शुरू होता है।
  • `std::cout << "हेलो, वर्ल्ड!" << std::endl;`: यह "हेलो, वर्ल्ड!" टेक्स्ट को कंसोल पर प्रिंट करता है। `std::cout` मानक आउटपुट स्ट्रीम है, `<<` इंसर्शन ऑपरेटर है, और `std::endl` एक नई लाइन जोड़ता है।
  • `return 0;`: यह इंगित करता है कि प्रोग्राम सफलतापूर्वक निष्पादित हो गया।

डेटा प्रकार

C++ विभिन्न प्रकार के डेटा प्रकारों का समर्थन करता है, जिन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

  • आधारभूत डेटा प्रकार (Fundamental Data Types):
   *   `int`: पूर्णांक संख्याएँ (जैसे -10, 0, 5)।
   *   `float`: फ्लोटिंग-पॉइंट संख्याएँ (जैसे 3.14, -2.5)।
   *   `double`: डबल-प्रिसिजन फ्लोटिंग-पॉइंट संख्याएँ।
   *   `char`: एकल वर्ण (जैसे 'a', 'Z', '5')।
   *   `bool`: बूलियन मान (true या false)।
  • व्युत्पन्न डेटा प्रकार (Derived Data Types):
   *   `array`: एक ही प्रकार के तत्वों का संग्रह।
   *   `pointer`: मेमोरी एड्रेस को संग्रहीत करता है।
   *   `function`: कोड का एक ब्लॉक जो एक विशिष्ट कार्य करता है।
  • उपयोगकर्ता-परिभाषित डेटा प्रकार (User-Defined Data Types):
   *   `struct`: डेटा सदस्यों का संग्रह।
   *   `class`: डेटा सदस्यों और सदस्य कार्यों का संग्रह (ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग)।
   *   `enum`: नामित पूर्णांक स्थिरांकों का संग्रह।

ऑपरेटर

C++ विभिन्न प्रकार के ऑपरेटरों का समर्थन करता है जिनका उपयोग डेटा पर संचालन करने के लिए किया जा सकता है:

  • अंकगणितीय ऑपरेटर (Arithmetic Operators): `+`, `-`, `*`, `/`, `%` (मॉड्यूलो)।
  • तुलनात्मक ऑपरेटर (Comparison Operators): `==` (बराबर), `!=` (बराबर नहीं), `>`, `<`, `>=`, `<=`।
  • तार्किक ऑपरेटर (Logical Operators): `&&` (AND), `||` (OR), `!` (NOT)।
  • असाइनमेंट ऑपरेटर (Assignment Operators): `=`, `+=`, `-=`, `*=`, `/=`, `%=`।
  • बिटवाइज़ ऑपरेटर (Bitwise Operators): `&`, `|`, `^`, `~`, `<<`, `>>`।

नियंत्रण प्रवाह

C++ प्रोग्राम में नियंत्रण प्रवाह का उपयोग कोड के निष्पादन के क्रम को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। नियंत्रण प्रवाह स्टेटमेंट में शामिल हैं:

  • if स्टेटमेंट (if statement): एक शर्त के आधार पर कोड के एक ब्लॉक को निष्पादित करता है।
  • else स्टेटमेंट (else statement): यदि if स्टेटमेंट की शर्त गलत है तो कोड के एक ब्लॉक को निष्पादित करता है।
  • else if स्टेटमेंट (else if statement): कई शर्तों की जाँच करता है।
  • for लूप (for loop): कोड के एक ब्लॉक को एक निश्चित संख्या में बार दोहराता है।
  • while लूप (while loop): एक शर्त सत्य होने तक कोड के एक ब्लॉक को दोहराता है।
  • do-while लूप (do-while loop): कोड के एक ब्लॉक को कम से कम एक बार निष्पादित करता है, और फिर एक शर्त सत्य होने तक दोहराता है।
  • switch स्टेटमेंट (switch statement): एक चर के मान के आधार पर विभिन्न कोड ब्लॉकों में से एक को निष्पादित करता है।

फंक्शन

फंक्शन कोड के पुन: प्रयोज्य ब्लॉक होते हैं जो एक विशिष्ट कार्य करते हैं। C++ में फंक्शन को परिभाषित करने के लिए निम्नलिखित सिंटैक्स का उपयोग किया जाता है:

```c++ return_type function_name(parameter_list) {

 // कोड
 return value;

} ```

उदाहरण के लिए:

```c++ int add(int a, int b) {

 return a + b;

} ```

यह फंक्शन दो पूर्णांकों को लेता है और उनका योग लौटाता है।

ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP)

C++ एक ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है। OOP की मुख्य अवधारणाएँ हैं:

  • एनकैप्सुलेशन (Encapsulation): डेटा और कोड को एक ही इकाई (क्लास) में जोड़ना।
  • इनहेरिटेंस (Inheritance): एक क्लास को दूसरी क्लास से गुणों और व्यवहार को प्राप्त करने की अनुमति देना।
  • पॉलीमॉर्फिज्म (Polymorphism): विभिन्न क्लासों के ऑब्जेक्ट्स को समान तरीके से प्रतिक्रिया करने की अनुमति देना।
  • एब्स्ट्रैक्शन (Abstraction): डेटा के अनावश्यक विवरणों को छिपाना और केवल आवश्यक जानकारी प्रदर्शित करना।

मेमोरी प्रबंधन

C++ में मेमोरी प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पहलू है। C++ प्रोग्रामर को मेमोरी को आवंटित और डीलोकेट करने के लिए जिम्मेदार होना पड़ता है। यह `new` और `delete` ऑपरेटरों का उपयोग करके किया जा सकता है। यदि मेमोरी को ठीक से डीलोकेट नहीं किया जाता है, तो मेमोरी लीक हो सकती है, जिससे प्रोग्राम धीमा हो सकता है या क्रैश हो सकता है। आधुनिक C++ में, स्मार्ट पॉइंटर्स (जैसे `unique_ptr`, `shared_ptr`, `weak_ptr`) का उपयोग करके मेमोरी प्रबंधन को स्वचालित किया जा सकता है, जिससे मेमोरी लीक से बचने में मदद मिलती है।

C++ और क्रिप्टो फ्यूचर्स

C++ का उपयोग अक्सर क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और उच्च-आवृत्ति ट्रेडिंग (HFT) सिस्टम के विकास में किया जाता है। इसकी गति और दक्षता इसे जटिल ट्रेडिंग एल्गोरिदम को लागू करने के लिए आदर्श बनाती है।

  • ट्रेडिंग बॉट (Trading Bots): C++ का उपयोग स्वचालित ट्रेडिंग बॉट बनाने के लिए किया जा सकता है जो बाजार के डेटा का विश्लेषण करते हैं और स्वचालित रूप से ट्रेड करते हैं।
  • उच्च-आवृत्ति ट्रेडिंग (HFT): C++ की गति इसे HFT सिस्टम के लिए उपयुक्त बनाती है, जहाँ ट्रेडों को मिलीसेकंड में निष्पादित करने की आवश्यकता होती है।
  • एक्सचेंज इंटीग्रेशन (Exchange Integration): C++ का उपयोग क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ इंटरफेस करने और वास्तविक समय के बाजार डेटा को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
  • जोखिम प्रबंधन (Risk Management): C++ का उपयोग जोखिम प्रबंधन एल्गोरिदम को लागू करने के लिए किया जा सकता है जो संभावित नुकसान को कम करने में मदद करते हैं।

तकनीकी विश्लेषण के लिए C++ का उपयोग करके डेटा प्रोसेसिंग और पैटर्न पहचान की जा सकती है। ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण के लिए, C++ का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को कुशलतापूर्वक संसाधित करने और महत्वपूर्ण रुझानों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। मार्केट मेकिंग, आर्बिट्रेज, और पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइजेशन जैसी ट्रेडिंग रणनीतियाँ भी C++ में लागू की जा सकती हैं। ऑर्डर बुक डेटा का विश्लेषण और लिक्विडिटी का मूल्यांकन करने के लिए C++ का उपयोग किया जा सकता है। बैकटेस्टिंग के लिए, C++ का उपयोग ऐतिहासिक डेटा पर ट्रेडिंग रणनीतियों का परीक्षण करने के लिए किया जा सकता है। एल्गोरिथम ट्रेडिंग में C++ की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तेज़ निष्पादन की अनुमति देता है। रिस्क मॉडलिंग और पोर्टफोलियो एनालिसिस में भी C++ का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष

C++ एक शक्तिशाली और लचीली प्रोग्रामिंग भाषा है जो विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है। यह सीखना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके फायदे इसे प्रयास करने योग्य बनाते हैं। इस लेख में C++ की मूलभूत अवधारणाओं को शामिल किया गया है, जो शुरुआती लोगों को इस भाषा को सीखने की अच्छी शुरुआत प्रदान करता है। आगे की शिक्षा के लिए, आप C++ Reference जैसे ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। C++ Reference ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग डेटा संरचनाएँ एल्गोरिदम मेमोरी प्रबंधन कंपाइलर डिबगर IDE (Integrated Development Environment) iostream Standard Template Library (STL) C++11 C++14 C++17 C++20 स्मार्ट पॉइंटर्स फंक्शन ओवरलोडिंग क्लास इनहेरिटेंस पॉलीमॉर्फिज्म एनकैप्सुलेशन एब्स्ट्रैक्शन तकनीकी विश्लेषण ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण मार्केट मेकिंग आर्बिट्रेज पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइजेशन ऑर्डर बुक लिक्विडिटी बैकटेस्टिंग एल्गोरिथम ट्रेडिंग रिस्क मॉडलिंग पोर्टफोलियो एनालिसिस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स (हालांकि C++ सीधे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन यह संबंधित सिस्टम के विकास में उपयोग हो सकता है)


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