एटीआर (Average True Range)
एटीआर (Average True Range)
एटीआर, या एवरेज ट्रू रेंज, एक तकनीकी विश्लेषण उपकरण है जिसका उपयोग किसी विशिष्ट समय अवधि में किसी परिसंपत्ति की कीमत में अस्थिरता को मापने के लिए किया जाता है। इसे जे. वेल्स वाइल्डर जूनियर द्वारा विकसित किया गया था और इसे पहली बार उनकी पुस्तक "न्यू कॉन्सेप्ट्स इन टेक्निकल ट्रेडिंग सिस्टम्स" में प्रकाशित किया गया था। क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में, एटीआर एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो ट्रेडरों को जोखिम का आकलन करने, स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करने और संभावित मूल्य ब्रेकआउट की पहचान करने में मदद करता है। यह लेख एटीआर की गणना, व्याख्या और क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग रणनीतियों में इसके उपयोग पर एक विस्तृत अवलोकन प्रदान करेगा।
एटीआर की गणना
एटीआर की गणना थोड़ी जटिल है, लेकिन मूल सिद्धांत यह है कि यह किसी दी गई अवधि के दौरान वास्तविक रेंज को मापता है। वास्तविक रेंज एक दिन की उच्च और निम्न कीमतों के बीच का अंतर है, या पिछले दिन की क्लोजिंग कीमत और वर्तमान दिन की उच्च या निम्न कीमत के बीच का अंतर, जो भी बड़ा हो।
एटीआर की गणना के चरण इस प्रकार हैं:
1. **उच्च-निम्न रेंज:** प्रत्येक अवधि के लिए, उच्च और निम्न कीमतों के बीच का अंतर ज्ञात करें। 2. **वास्तविक रेंज (टीआर):** प्रत्येक अवधि के लिए, निम्नलिखित में से सबसे बड़ा मान ज्ञात करें:
* वर्तमान उच्च - वर्तमान निम्न * निरपेक्ष मान (वर्तमान उच्च - पिछले क्लोज) * निरपेक्ष मान (वर्तमान निम्न - पिछले क्लोज)
3. **औसत ट्रू रेंज (एटीआर):** पहले एटीआर की प्रारंभिक गणना की जाती है, जो आमतौर पर पहले 14 अवधियों की ट्रू रेंज का सरल औसत होता है। इसके बाद, प्रत्येक बाद की अवधि के लिए, एटीआर की गणना पिछले एटीआर मान और वर्तमान ट्रू रेंज के बीच एक स्मूथिंग फैक्टर का उपयोग करके की जाती है। सामान्य सूत्र है:
* एटीआर = [(पिछले एटीआर * (n-1)) + वर्तमान टीआर] / n * जहां n अवधि की संख्या है (आमतौर पर 14)।
एटीआर की व्याख्या
एटीआर का मान एक निरपेक्ष संख्या है जो कीमत में औसत बदलाव की सीमा को दर्शाती है। एटीआर का उच्च मान इंगित करता है कि परिसंपत्ति अधिक अस्थिर है, जबकि एटीआर का कम मान इंगित करता है कि परिसंपत्ति कम अस्थिर है।
- **उच्च एटीआर:** उच्च एटीआर मान बताते हैं कि कीमत में बड़े मूल्य परिवर्तन हो रहे हैं। यह आम तौर पर मजबूत रुझानों या बाजार में उच्च अनिश्चितता के समय होता है। ट्रेडर उच्च एटीआर के दौरान बड़े स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं ताकि अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव से बाहर न निकल जाएं।
- **कम एटीआर:** कम एटीआर मान बताते हैं कि कीमत अपेक्षाकृत स्थिर है। यह आम तौर पर समेकन या साइडवेज बाजार के दौरान होता है। ट्रेडर कम एटीआर के दौरान छोटे स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं, क्योंकि मूल्य में उतार-चढ़ाव कम होने की संभावना है।
- **एटीआर में वृद्धि:** एटीआर में वृद्धि अस्थिरता में वृद्धि का संकेत देती है, जो एक संभावित मूल्य ब्रेकआउट का संकेत दे सकता है।
- **एटीआर में गिरावट:** एटीआर में गिरावट अस्थिरता में कमी का संकेत देती है, जो एक संभावित समेकन अवधि का संकेत दे सकता है।
क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में एटीआर का उपयोग
एटीआर का उपयोग क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में कई तरह से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
1. **जोखिम प्रबंधन:** एटीआर का उपयोग स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करने के लिए किया जा सकता है। एक सामान्य नियम यह है कि स्टॉप-लॉस ऑर्डर को एटीआर के कई गुना पर सेट किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि एटीआर 100 पिप्स है, तो स्टॉप-लॉस ऑर्डर को 200 या 300 पिप्स पर सेट किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि स्टॉप-लॉस ऑर्डर को अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव से जल्दी सक्रिय नहीं किया जाएगा। जोखिम प्रबंधन और स्टॉप-लॉस ऑर्डर महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। 2. **स्थिति का आकार:** एटीआर का उपयोग स्थिति के आकार को निर्धारित करने के लिए भी किया जा सकता है। उच्च एटीआर वाली परिसंपत्तियों के लिए, ट्रेडरों को कम स्थिति आकार का उपयोग करना चाहिए, जबकि कम एटीआर वाली परिसंपत्तियों के लिए, ट्रेडरों को बड़े स्थिति आकार का उपयोग करना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि एक ही ट्रेड पर बहुत अधिक पूंजी जोखिम में न हो। पोजीशन साइजिंग एक महत्वपूर्ण कौशल है। 3. **ब्रेकआउट ट्रेडिंग:** एटीआर का उपयोग संभावित मूल्य ब्रेकआउट की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जब एटीआर में वृद्धि होती है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि कीमत जल्द ही एक महत्वपूर्ण ब्रेकआउट का अनुभव करेगी। ट्रेडर ब्रेकआउट की दिशा में ट्रेड में प्रवेश कर सकते हैं। ब्रेकआउट ट्रेडिंग एक लोकप्रिय रणनीति है। 4. **वोलेटिलिटी-आधारित रणनीति:** एटीआर का उपयोग वोलेटिलिटी-आधारित रणनीति बनाने के लिए किया जा सकता है, जो बाजार की अस्थिरता के आधार पर ट्रेडों को सक्रिय करती है। 5. **चैनल ब्रेकआउट:** एटीआर का उपयोग डोनचियन चैनल जैसे चैनलों के ब्रेकआउट की पुष्टि करने के लिए किया जा सकता है। 6. **एटीआर बैंड:** एटीआर बैंड एक ऐसा संकेतक है जो एटीआर का उपयोग करके ऊपरी और निचली सीमाएं बनाता है। ये बैंड संभावित समर्थन और प्रतिरोध स्तरों की पहचान करने में मदद करते हैं। समर्थन और प्रतिरोध स्तर बुनियादी अवधारणाएं हैं।
एटीआर के साथ संयोजन में अन्य संकेतकों का उपयोग
एटीआर को अक्सर अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ संयोजन में उपयोग किया जाता है ताकि ट्रेडिंग सिग्नल की पुष्टि की जा सके। कुछ सामान्य संयोजन में शामिल हैं:
- **मूविंग एवरेज:** मूविंग एवरेज का उपयोग ट्रेंड की दिशा की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। यदि कीमत मूविंग एवरेज से ऊपर है और एटीआर बढ़ रहा है, तो यह एक मजबूत तेजी का संकेत हो सकता है।
- **आरएसआई (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स):** आरएसआई का उपयोग ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। यदि आरएसआई ओवरसोल्ड है और एटीआर बढ़ रहा है, तो यह एक संभावित खरीदारी का संकेत हो सकता है।
- **एमएसीडी (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस):** एमएसीडी का उपयोग ट्रेंड की गति और दिशा की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। यदि एमएसीडी ऊपर की ओर क्रॉसओवर करता है और एटीआर बढ़ रहा है, तो यह एक मजबूत तेजी का संकेत हो सकता है।
- **बोलिंगर बैंड:** बोलिंगर बैंड का उपयोग अस्थिरता को मापने और संभावित ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थितियों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। एटीआर का उपयोग बोलिंगर बैंड की चौड़ाई को समायोजित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे अस्थिरता के स्तर के आधार पर बैंड अधिक या कम संकीर्ण हो जाते हैं।
- **फिबोनाची रिट्रेसमेंट:** फिबोनाची रिट्रेसमेंट स्तरों के साथ एटीआर का उपयोग संभावित प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
एटीआर की सीमाएं
एटीआर एक उपयोगी संकेतक है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं:
- **विलंबित संकेतक:** एटीआर एक विलंबित संकेतक है, जिसका अर्थ है कि यह मूल्य आंदोलनों के बाद परिवर्तन दिखाता है। इसका मतलब है कि यह जल्दी ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न नहीं कर सकता है।
- **गलत सिग्नल:** एटीआर कभी-कभी गलत सिग्नल उत्पन्न कर सकता है, खासकर अस्थिर बाजारों में।
- **अस्थिरता का एकल माप:** एटीआर अस्थिरता का केवल एक माप प्रदान करता है। यह मूल्य की दिशा या अंतर्निहित कारणों पर कोई जानकारी प्रदान नहीं करता है।
क्रिप्टो फ्यूचर्स के लिए एटीआर का विशिष्ट अनुप्रयोग
क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार अपनी उच्च अस्थिरता के लिए जाने जाते हैं। एटीआर इस अस्थिरता को मापने और प्रबंधित करने के लिए एक विशेष रूप से उपयोगी उपकरण है।
- **उच्च लीवरेज:** क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग में अक्सर उच्च लीवरेज का उपयोग शामिल होता है। एटीआर का उपयोग उचित स्थिति आकार निर्धारित करने और जोखिम को प्रबंधित करने में मदद करता है।
- **24/7 ट्रेडिंग:** क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार 24/7 खुले रहते हैं। एटीआर का उपयोग विभिन्न समयों पर अस्थिरता में बदलावों को ट्रैक करने और तदनुसार ट्रेडिंग रणनीतियों को समायोजित करने के लिए किया जा सकता है।
- **बाजार की गतिशीलता:** क्रिप्टो बाजार पारंपरिक बाजारों की तुलना में अधिक तेजी से बदलते हैं। एटीआर का उपयोग बाजार की गतिशीलता का आकलन करने और त्वरित अनुकूलन करने में मदद करता है। बाजार की गतिशीलता को समझना महत्वपूर्ण है।
अवधि | 14 |
उपयोग | अस्थिरता मापना, स्टॉप-लॉस निर्धारण, पोजीशन साइजिंग, ब्रेकआउट ट्रेडिंग |
संयोजन | मूविंग एवरेज, आरएसआई, एमएसीडी, बोलिंगर बैंड |
निष्कर्ष
एटीआर एक शक्तिशाली तकनीकी विश्लेषण उपकरण है जो क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडरों को अस्थिरता को मापने, जोखिम का प्रबंधन करने और ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एटीआर एक विलंबित संकेतक है और यह कभी-कभी गलत सिग्नल उत्पन्न कर सकता है। एटीआर का उपयोग अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ संयोजन में करना और जोखिम प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग मनोविज्ञान दोनों महत्वपूर्ण कौशल हैं। क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में सफलता के लिए निरंतर सीखना और अनुकूलन आवश्यक है। फ्यूचर्स ट्रेडिंग के विशिष्ट जोखिमों को समझना भी महत्वपूर्ण है।
वॉल्यूम विश्लेषण एटीआर के साथ मिलकर काम कर सकता है ताकि ब्रेकआउट की पुष्टि की जा सके।
जोखिम पर आधारित ट्रेडिंग एटीआर का उपयोग करके जोखिम-समायोजित रणनीतियों को विकसित करने में मदद करता है।
पोर्टफोलियो विविधीकरण एटीआर का उपयोग करके विभिन्न परिसंपत्तियों की अस्थिरता को समझने में मदद करता है।
ट्रेडिंग जर्नल एटीआर के प्रदर्शन को ट्रैक करने और रणनीतियों को परिष्कृत करने में मदद करता है।
बैकटेस्टिंग एटीआर-आधारित रणनीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
फंडामेंटल एनालिसिस के साथ एटीआर का संयोजन अधिक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
मार्केट माइक्रोस्ट्रक्चर को समझना एटीआर के संकेतों की व्याख्या करने में मदद करता है।
आर्डर्स के प्रकार (जैसे लिमिट ऑर्डर, मार्केट ऑर्डर) एटीआर-आधारित रणनीतियों को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक हैं।
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एटीआर इंडिकेटर और अन्य आवश्यक उपकरणों तक पहुंच प्रदान करते हैं।
टैक्स निहितार्थ क्रिप्टो फ्यूचर्स ट्रेडिंग पर विचार करते समय महत्वपूर्ण हैं। क्रिप्टो फ्यूचर्स एक्सचेंज का चयन करते समय सावधानी बरतें।
Category:तकनीकी संकेतक
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