"स्पॉट और फ्यूचर्स जोखिम संतुलन": अवतरणों में अंतर
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१०:५४, ४ अक्टूबर २०२५ के समय का अवतरण
स्पॉट और फ्यूचर्स जोखिम संतुलन: शुरुआती गाइड
यह लेख उन शुरुआती ट्रेडरों के लिए है जो यह समझना चाहते हैं कि स्पॉट बाजार (जहाँ संपत्ति तुरंत खरीदी या बेची जाती है) में अपने निवेश के जोखिम को वायदा अनुबंध (Futures Contracts) का उपयोग करके कैसे संतुलित किया जाए। यह एक महत्वपूर्ण कौशल है जो आपको बाजार की अस्थिरता से बचा सकता है।
स्पॉट और फ्यूचर्स क्या हैं?
ट्रेडिंग की दुनिया में दो मुख्य बाजार होते हैं:
1. **स्पॉट बाजार:** यह वह जगह है जहाँ आप वास्तव में संपत्ति खरीदते हैं और उसके मालिक बन जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप 1 बिटकॉइन खरीदते हैं, तो वह आपके वॉलेट में होता है। यह आपकी वास्तविक होल्डिंग है। 2. **फ्यूचर्स बाजार:** यह एक समझौता है जिसमें आप भविष्य की किसी तारीख पर किसी संपत्ति को एक पूर्व-निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होते हैं। आप वास्तव में संपत्ति का स्वामित्व नहीं लेते हैं, बल्कि केवल कीमत की दिशा पर दांव लगाते हैं।
जब आपके पास स्पॉट में बड़ी होल्डिंग होती है, तो आप मूल्य में गिरावट से चिंतित होते हैं। फ्यूचर्स का उपयोग करके, आप इस चिंता को कम कर सकते हैं।
जोखिम संतुलन (हेजिंग) की आवश्यकता
मान लीजिए आपने 1000 डॉलर में 1 यूनिट क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है (स्पॉट होल्डिंग)। यदि कीमत गिरकर 800 डॉलर हो जाती है, तो आपको 200 डॉलर का नुकसान होता है।
जोखिम संतुलन, जिसे अक्सर हेजिंग (Hedging) कहा जाता है, का अर्थ है एक ऐसी स्थिति लेना जो आपके मौजूदा जोखिम के विपरीत हो। यदि आपको लगता है कि बाजार अल्पकालिक रूप से गिर सकता है, तो आप फ्यूचर्स बाजार में 'शॉर्ट' पोजीशन ले सकते हैं।
फ्यूचर्स का उपयोग करके, आप अपनी स्पॉट होल्डिंग के मूल्य में होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करते हैं, जिससे आपकी समग्र पोर्टफोलियो अस्थिरता कम हो जाती है। यह विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब आप लंबी अवधि के लिए अपनी संपत्ति रखना चाहते हैं लेकिन अल्पकालिक गिरावट से बचना चाहते हैं, जैसे कि किसी बड़ी आर्थिक घोषणा से पहले।
आंशिक हेजिंग का उपयोग करना
शुरुआती लोगों के लिए, पूरी तरह से हेज करना (यानी, अपनी सभी स्पॉट होल्डिंग को कवर करना) अक्सर मुश्किल होता है। आंशिक हेजिंग एक बेहतर दृष्टिकोण है।
आंशिक हेजिंग का मतलब है कि आप अपनी कुल स्पॉट होल्डिंग का केवल एक हिस्सा ही फ्यूचर्स के माध्यम से कवर करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 100 सिक्के हैं, तो आप केवल 30 या 50 सिक्कों के बराबर की फ्यूचर्स पोजीशन ले सकते हैं।
फायदे:
- यदि बाजार ऊपर जाता है, तो आप अभी भी अधिकांश लाभ कमाते हैं।
- यदि बाजार गिरता है, तो फ्यूचर्स पोजीशन से होने वाला लाभ आपके स्पॉट नुकसान को कम कर देता है।
यह दृष्टिकोण आपको बाजार की दिशा पर पूरी तरह से निर्भर होने से बचाता है और आपको अधिक लचीलापन देता है। इस तरह के उन्नत जोखिम प्रबंधन के लिए मशीन लर्निंग सुरक्षा जैसे उपकरणों का उपयोग भविष्य में सहायक हो सकता है।
तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके समय निर्धारण
हेजिंग कब करनी है या हेजिंग कब हटानी है, यह तय करने के लिए तकनीकी संकेतकों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। ये संकेतक आपको बाजार के रुझान और संभावित उलटफेर को समझने में मदद करते हैं।
1. रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)
RSI एक गति (Momentum) संकेतक है जो मापता है कि कोई संपत्ति ओवरबॉट (अत्यधिक खरीदी गई) है या ओवरसोल्ड (अत्यधिक बेची गई)।
- **हेजिंग के लिए संकेत:** यदि RSI 70 से ऊपर जाता है (ओवरबॉट क्षेत्र), तो यह संकेत हो सकता है कि कीमत जल्द ही नीचे आ सकती है। इस समय आप अपनी स्पॉट होल्डिंग पर आंशिक शॉर्ट हेज लेने पर विचार कर सकते हैं।
- **हेज हटाने के लिए संकेत:** यदि RSI 30 से नीचे गिरता है (ओवरसोल्ड क्षेत्र), तो यह संकेत हो सकता है कि गिरावट समाप्त हो गई है और आप अपनी हेज पोजीशन को बंद कर सकते हैं। आरएसआई के साथ प्रवेश समय तय करना इस प्रक्रिया को और स्पष्ट करता है।
2. मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD)
MACD एक ट्रेंड-फॉलोइंग मोमेंटम इंडिकेटर है जो दो मूविंग एवरेज के बीच संबंध दिखाता है।
- **हेजिंग के लिए संकेत:** जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को नीचे की ओर काटती है (बेयरिश क्रॉसओवर), तो यह डाउनट्रेंड की शुरुआत का संकेत दे सकता है। यह हेज लेने का एक अच्छा समय हो सकता है। एमएसीडी का उपयोग करके निकास संकेत इस बात पर विस्तार से बताते हैं कि इसका उपयोग बाहर निकलने के लिए कैसे किया जाता है।
3. बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands)
बोलिंजर बैंड अस्थिरता को मापते हैं। बैंड संकीर्ण होने पर कम अस्थिरता और चौड़े होने पर उच्च अस्थिरता दर्शाते हैं।
- **हेजिंग के लिए संकेत:** जब कीमत ऊपरी बैंड को छूती है और बोलिंजर बैंड बहुत चौड़े होते हैं, तो बाजार अत्यधिक विस्तारित हो सकता है। यह एक संभावित सुधार (गिरावट) का संकेत देता है, जिसके लिए आंशिक हेज की आवश्यकता हो सकती है। बोलिंगर बैंड्स के साथ व्यापार सीमाएं आपको बैंड के बाहर की स्थितियों से निपटने में मदद करती हैं।
एक सरल उदाहरण तालिका
मान लीजिए आपके पास 100 यूनिट एसेट है, और आप अस्थिरता के कारण 50 यूनिट को हेज करना चाहते हैं।
स्थिति | मात्रा (यूनिट) | बाजार मूल्य (प्रति यूनिट) | कुल मूल्य |
---|---|---|---|
100 | $100 | $10,000 | |||
50 (फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के बराबर) | $100 | $5,000 (शॉर्ट पोजीशन का मूल्य) | |||
**50** | **$100** | **$5,000** |
इस तालिका में, आपने अपनी कुल होल्डिंग का 50% हेज किया है। यदि कीमत गिरकर $90 हो जाती है:
- स्पॉट नुकसान: 100 * ($100 - $90) = $1000 का नुकसान।
- फ्यूचर्स लाभ: 50 * ($100 - $90) = $500 का लाभ।
- **शुद्ध नुकसान:** $1000 (स्पॉट) - $500 (फ्यूचर्स) = $500।
यदि आपने हेज नहीं किया होता, तो आपका नुकसान $1000 होता। हेजिंग ने आपके नुकसान को लगभग आधा कर दिया।
मनोविज्ञान और सामान्य गलतियाँ
जोखिम संतुलन स्थापित करने के बाद, ट्रेडर अक्सर मनोवैज्ञानिक जाल में फंस जाते हैं। ट्रेडिंग में मनोवैज्ञानिक गलतियाँ तब होती हैं जब भावनाएं तर्क पर हावी हो जाती हैं।
1. **ओवर-हेजिंग (अत्यधिक हेजिंग):** डर के कारण ट्रेडर अपनी पूरी स्पॉट होल्डिंग को हेज कर देते हैं। यदि बाजार ऊपर चला जाता है, तो फ्यूचर्स पोजीशन भारी नुकसान पहुंचाती है, जिससे स्पॉट लाभ समाप्त हो जाता है। 2. **हेज को जल्दी हटाना:** जब बाजार थोड़ा ऊपर जाता है, तो ट्रेडर सोचते हैं कि खतरा टल गया है और हेज पोजीशन को बंद कर देते हैं। यदि बाजार फिर से गिरता है, तो वे पूरी तरह से असुरक्षित हो जाते हैं। 3. **फ्यूचर्स को सट्टा उपकरण समझना:** फ्यूचर्स का उपयोग केवल लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि मुख्य रूप से जोखिम प्रबंधन (हेजिंग) के लिए किया जाना चाहिए, खासकर जब स्पॉट में बड़ी होल्डिंग हो।
याद रखें, फ्यूचर्स ट्रेडिंग में लीवरेज (उत्तोलन) का उपयोग होता है, जिसका अर्थ है कि छोटे मूल्य परिवर्तन भी बड़े लाभ या हानि में बदल सकते हैं। फ्यूचर्स बाजार में ऑर्डर देते समय, टाईम-इन-फोर्स (TIF) ऑर्डर जैसे निर्देशों का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऑर्डर केवल तभी निष्पादित हो जब बाजार की शर्तें पूरी हों।
महत्वपूर्ण जोखिम नोट
- **मार्जिन कॉल:** फ्यूचर्स पोजीशन को मार्जिन पर रखा जाता है। यदि बाजार आपके विरुद्ध जाता है, तो आपको अतिरिक्त धन जमा करने के लिए कहा जा सकता है (मार्जिन कॉल)। स्पॉट होल्डिंग में ऐसा जोखिम नहीं होता।
- **काउंटरपार्टी जोखिम:** हालांकि यह केंद्रीकृत एक्सचेंजों पर कम होता है, लेकिन फ्यूचर्स में हमेशा दूसरे पक्ष (काउंटरपार्टी) के अनुबंध पूरा न करने का जोखिम होता है।
- **बाजार की गति:** यदि बाजार बहुत तेजी से चलता है (जैसे कि किसी बड़ी खबर के कारण), तो आपके हेज ऑर्डर सही समय पर निष्पादित नहीं हो सकते हैं।
समझदारी से काम लें और हमेशा अपनी जोखिम सहिष्णुता के अनुसार ही हेजिंग करें। भारतीय बाजारों में भी भारतीय शेयर बाजार में हेजिंग के समान सिद्धांत लागू होते हैं।
यह भी देखें (इस साइट पर)
- आरएसआई के साथ प्रवेश समय तय करना
- एमएसीडी का उपयोग करके निकास संकेत
- बोलिंगर बैंड्स के साथ व्यापार सीमाएं
- ट्रेडिंग में मनोवैज्ञानिक गलतियाँ
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